Details, Fiction and shiv chalisa in hindi

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

Devotees who chant these verses with rigorous really like turn into prosperous because of the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have little ones, have their wishes fulfilled after partaking of Shiva-Prasad with religion and devotion.

शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले shiv chalisa lyricsl कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

आप जलंधर असुर संहारा। shiv chalisa lyricsl सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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